नई दिल्ली, जेएनएन। बॉलीवुड के कई निर्माता और निर्देशक इन दिनों कानून मंत्रालय के एक फैसले से काफी निराश हैं। साथ ही फैसले को वह हिंदी सिनेमा के लिए सबसे बुरा बता रहे हैं। दरअसल हाल ही में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के आदेशों से नाखुश फिल्म निर्माताओं की अपील सुनने के लिए गठित एक सांविधिक निकाय फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) को कानून मंत्रालय ने तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया है।
कानून और न्याय मंत्रालय ने आदेश जारी करते हुए एक नोटिस जारी किया है। अब सीबीएफसी के फैसलों से नाखुश निर्माता और निर्देशकों को अपनी शिकायतों के निवारण के लिए एफसीएटी के बजाय हाईकोर्ट का रुख करना होगा। कानून मंत्रालय के इस फैसले से बॉलीवुड के कई निर्माता और निर्देशक काफी निराश है और इस फैसले को सिनेमा के लिए बुरा दिन बता रहे हैं।
बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक हंसल मेहता ने मंत्रालय के इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'क्या फिल्म प्रमाणन की शिकायतों के समाधान के लिए उच्च न्यायालयों के पास इतना समय होता है? कितने फिल्म निर्माताओं के पास अदालतों का रुख करने का साधन होगा? एफसीएटी की छूट मनमाना लगती है और निश्चित रूप से प्रतिबंधात्मक है। यह दुर्भाग्यपूर्ण समय क्यों है? यह निर्णय क्यों लिया?'
Do the high courts have a lot of time to address film certification grievances? How many film producers will have the means to approach the courts? The FCAT discontinuation feels arbitrary and is definitely restrictive. Why this unfortunate timing? Why take this decision at all?
— Hansal Mehta (@mehtahansal) April 7, 2021
वहीं फिल्म निर्देशक विशाल भारद्वाज ने भी ट्विटर पर इस फैसले की निंदा की है। उन्होंने अपने ट्वीट पर लिखा, 'फिल्म प्रमाणन अपीलीय ट्राइब्यूनल को खत्म करना सिनेमा के लिए सबसे दुखद दिन है।' विशाल भारद्वाज के ट्वीट पर फिल्म निर्माता गुनीत मोंगा ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, 'ऐसा कुछ कैसे होता है? कौन तय करता है?' वहीं अभिनेत्री ऋचा चड्ढा ने भी एक GIF शेयर कर विशाल भारद्वाज के ट्वीट पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
Such a sad day for cinema
FILM CERTIFICATION APPELLATE TRIBUNAL ABOLISHED | 6 April, 2021
https://t.co/MoqSGROdLP" rel="nofollow
— Vishal Bhardwaj (@VishalBhardwaj) April 6, 2021
How does something like this happen ?
Who decides ? https://t.co/04uXPQx1dW" rel="nofollow
— Guneet Monga (@guneetm) April 6, 2021
https://t.co/FUXut8TRJd" rel="nofollow pic.twitter.com/qN6dT6wmtc
— TheRichaChadha (@RichaChadha) April 6, 2021
आपको बता दें कि फिल्म प्रमाणन अपीलीय न्यायाधिकरण (एफसीएटी) अतीत में कई फिल्म निर्माताओं के लिए उपयोगी साबित हुई है। सीबीएफसी की ओर से फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माय बुर्का' को प्रमाणित करने से इनकार करने के बाद फिल्म की निर्देशक अलंकृता श्रीवास्तव ने 2017 में एफसीएटी से संपर्क किया था। एफसीएटी ने कुछ एडिट्स के सुझाव के बाद सीबीएफसी को फिल्म को ए सर्टिफिकेट देने का आदेश दिया।
सीबीएफसी ने साल 2016 में अनुराग कश्यप की फिल्म 'उडता पंजाब' को मंजूरी देने से इनकार कर दिया। यह भी एफसीएटी का हस्तक्षेप था कि फिल्म रिलीज हो पाई थी। इसी तरह, एफसीएटी ने अभिनेता नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी द्वारा अभिनीत और कुषाण नंदी द्वारा निर्मित फिल्म 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' की भी रिलीज करने में मदद की थी।
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सरकार के इस फैसले से निराश हुईं हंसल मेहता और विशाल भारद्वाज सहित ये फिल्मी हस्तियां, बताया सिनेमा के लिए बुरा दिन, जानें पूरा मामला - दैनिक जागरण (Dainik Jagran)
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