
इमेज स्रोत, Getty Images
पाकिस्तानी गायिका अरूज आफ़ताब ने 2022 ग्रैमी अवॉर्ड्स में अपने गीत 'मोहब्बत' के लिए बेस्ट ग्लोबल म्यूज़िक परफ़ॉर्मेंस का अवॉर्ड जीत लिया है.
यह उनके कैरियर का पहला ग्रैमी अवॉर्ड है. अरूज आफ़ताब ग्रैमी के लिए नॉमिनेट होने वाली पहली पाकिस्तानी महिला हैं. अरूज आफ़ताब को बेस्ट न्यू आर्टिस्ट के लिए भी नॉमिनेट किया गया था.
अरूज आफ़ताब ने 64वें ग्रैमी अवॉर्ड्स के अवसर पर स्टेज से कहा, "मैंने यह रिकॉर्ड हर उस चीज़ के लिए बनाया है, जिसने मुझे तोड़ा और मुझे दोबारा इकठ्ठा किया. इसे सुनने और अपना बनाने के लिए आपका धन्यवाद."
एंजेलिक किडजू और बर्ना बॉय, फेमी कोटी, एंजेलिक किडजू, के साथ यू-यू मा और विज़केड फुट टीम इस श्रेणी के लिए नॉमिनेट उम्मीदवार थे.
याद रहे कि अरूज आफ़ताब उन चुनिंदा गायकों में से एक हैं, जिन्हें अमेरिकी म्यूज़िक इंडस्ट्री के बड़े पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड्स 2022 के लिए नॉमिनेट किया गया था.
नॉमिनेशन पर प्रतिक्रिया
पाकिस्तान और अमेरिका में उनके नॉमिनेशन पर लगभग एक जैसी ही प्रतिक्रिया थी. कुछ लोग अरूज आफ़ताब के म्यूज़िक को वर्षों से सुन रहे हैं और कुछ के लिए ये नाम कोई ख़ास जाना पहचाना नहीं है.
ग्रैमी के लिए 'दि रिकॉर्डिंग एकेडमी' ने अरूज का नाम दो पुरस्कारों के लिए नॉमिनेट किया था. बेस्ट न्यू आर्टिस्ट के अलावा उनके गाने 'मोहब्बत' को बेस्ट ग्लोबल म्यूज़िक परफ़ॉर्मेंस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है.

इमेज स्रोत, Getty Images
अगर अरूज के जीवन को एक वाक्य में समेटा जाए, तो वह एक 37 वर्षीय पाकिस्तानी हैं, जिन्होंने अपने संगीत कैरियर की शुरुआत लाहौर से की, अमेरिका के बर्कले कॉलेज ऑफ़ म्यूज़िक से शिक्षा प्राप्त की, और अब तक उनकी तीन सोलो एल्बम आ चुकी हैं.
लेकिन असल में उनकी ज़िदगी की असली कहानी इससे कहीं ज़्यादा दिलचस्प है.
18 साल की उम्र में इंटरनेट पर वायरल
सऊदी अरब में जन्मीं, अरूज आफ़ताब जब अपने माता-पिता के साथ लाहौर आईं, तो उन्होंने अपने संगीत कैरियर की शुरुआत एक कवर आर्टिस्ट के रूप में की थी. यानी वह किसी मशहूर गाने को अपने अंदाज़ में गाकर नया रंग देती थी.
18 साल की उम्र में, उनके ऐसे ही दो गाने, 'हलिलोया' और आमिर ज़की का 'मेरा प्यार', इंटरनेट पर वायरल हो गए, जिससे उन्हें शुरुआती तौर पर हौसला मिला.
अमेरिका के बर्कले कॉलेज से म्यूज़िक प्रोडक्शन और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान वह न्यूयॉर्क आ गईं.
आबिदा परवीन के दरवाज़े पर दस्तक
अरूज को शास्त्रीय संगीत, ग़ज़ल और कव्वाली से बचपन से ही लगाव रहा है. 90 के दशक में लाहौर में उनके सभी दोस्त और रिश्तेदार उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान से प्रभावित थे और उनकी दुर्लभ रिकॉर्डिंग्स को बड़े शौक़ से सुनते थे.
साल 2010 में न्यूयॉर्क में सूफ़ी संगीत समारोह का मेला सज रहा था, तब अरूज को पता चला कि 'सूफ़ी संगीत की मल्लिका' आबिदा परवीन भी वहां परफ़ॉर्म करने वाली हैं.
पिचफार्क को दिए एक इंटरव्यू में, अरूज याद करती हैं, कि उन्होंने होटल में आबिदा परवीन का कमरा नंबर पता किया और बिन बुलाये उनके दरवाज़े पर दस्तक दे दी. आबिदा परवीन ने उन्हें ऑडिशन से पहचान लिया, हाथ पकड़ा और उन्हें कमरे में बुला लिया. और इस तरह दोनों हारमोनियम पर साथ गाने लगी.
एक बार अरूज ने आबिदा परवीन से पूछा, "मुझे अपनी ज़िंदगी में क्या करना चाहिए?"

इमेज स्रोत, Getty Images
आबिदा परवीन ने जवाब दिया, "मेरे एल्बम सुनो!"
अरूज स्वीकार करती हैं, कि वह अपने जीवन में उर्दू शायरी से काफ़ी प्रभावित हुई हैं. वह अपने संगीत को न्यू सूफ़ी सेमी-पाकिस्तानी क्लासिकल कहती हैं.
ओबामा भी उनके फ़ैन हैं
ग्रैमी में नॉमिनेशन के बाद से सोशल मीडिया पर अरूज को लेकर तरह-तरह के कमेंट हो रहे हैं. जहां ज़्यादातर लोग इस पर उन्हें मुबारकबाद दे रहे हैं, वहीं कुछ लोग ज़ाहिरी तौर पर उनके संगीत से ज़्यादा प्रभावित नज़र नहीं आ रहे हैं.
जबकि कुछ लोगों का मानना है, कि पाकिस्तानी कलाकारों की सराहना तभी होती है जब उन्हें अंतरराष्ट्रीय ख्याति मिलती है, जो सही नहीं है.
वैसे अरूज इससे पहले भी वैश्विक स्तर पर सभी की नज़रों में आ चुकी हैं. पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका गाना 'मोहब्बत' अपनी आधिकारिक समर 2021 प्लेलिस्ट में शामिल किया था.
हफ़ीज़ होशियारपुरी की एक ग़ज़ल पर आधारित यह गाना अरूज के हिट गानों में से एक है, जिसे उनसे पहले मेहदी हसन गा चुके हैं.
सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने व्यंग्य करते हुए कहा कि "एक आइडियल दुनिया में मेहदी हसन को ग्रैमी मिलना चाहिए था.
इसी बीच साल 2020 में अरूज को स्टूडिंग एकेडमी अवॉर्ड भी दिया गया था.
'बचपन से ही दूसरों से अलग'
पिचफोर्क को दिए इंटरव्यू में अरूज ने कहा था, कि वह बचपन से ही ख़ुद को दूसरों से अलग मानती थीं. वह संगीत की शिक्षा हासिल करना चाहती थीं, जिसके लिए उन्हें लाहौर से बहुत दूर जाना पड़ता, जो बहुत महंगा साबित हो सकता था.
उनके माता-पिता भी संगीत के बहुत शौकीन थे, लेकिन एक बार उनके पिता ने कहा था, कि कुछ लोग सोचते हैं कि वे संगीत में जाना चाहते हैं लेकिन वास्तव में उन्हें केवल संगीत पसंद होता है.
"मुझे नहीं पता था कि क्या करना है और एक बार मैं एक गाना सुन रही थी और मैंने फ़ैसला किया कि मैं भी इसे दिल से गा सकती हूं. मैं दुनिया से थक चुकी थी."
उन्होंने यह भी बताया कि 2018 में उनके भाई और एक क़रीबी दोस्त की मौत का उनके जीवन और संगीत पर गहरा प्रभाव पड़ा.
'मैं सोडा नहीं पीती'

इमेज स्रोत, AROOJ AFTAB/FACEBOOK
उरूज ने ग्रैमी के लिए अपने नॉमिनेशन की ख़बर पर लिखा कि वह इस ख़बर से हैरान और ख़ुश हैं. इस खबर पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए सिंगर हदीका कयानी ने लिखा कि यह देश के लिए गर्व की बात है. यूज़र हारून शाहिद ने लिखा कि उन्हें बहुत ख़ुशी है कि एक पाकिस्तानी इस सम्मान तक पहुंचा है.
अरूज आफ़ताब: ग्रैमी अवॉर्ड जीतने वाली पहली पाकिस्तानी महिला से मिलिए - BBC.com
Read More
No comments:
Post a Comment