Rechercher dans ce blog

Saturday, January 22, 2022

फिल्म रिव्यू: '36 फार्महाउस' में रोचक अंदाज में देखने को मिलेगा छत्तीस का आंकड़ा, सुभाष घई का म्यूजिक भी दमदार - Dainik Bhaskar

6 घंटे पहलेलेखक: उमेश कुमार उपाध्याय

  • कॉपी लिंक

कोरोना काल के समय लॉकडाउन में घटी घटनाओं पर सीरीज और फिल्में आनी शुरू हो गई हैं। इसी क्रम में सुभाष घई निर्मित फिल्म 36 फार्महाउस ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज हुई है। यह फिल्म लॉकडाउन के वक्त एक फार्महाउस में इकट्ठा हुए अमीर और गरीब तबके के बीच की कहानी है। इसमें कोई लालच से तो कोई जरूरत के हिसाब से धन-संपत्ति हासिल करना चाहता है। लेकिन इन सबके बीच छत्तीस का आंकड़ा होता है।

लालच की कहानी है 36 फार्महाउस
कहानी की शुरुआत लॉकडाउन में शहर से गांव की तरफ मजदूरों के पलायन से होती हैं। शहर से गांव के लिए निकले बाप-बेटे जय प्रकाश और हैरी (संजय मिश्रा और अमोल पाराशर) बिछड़ जाते हैं। लेकिन जय प्रकाश 36 फार्महाउस की मालकिन पद्मिनी राज सिंह (माधुरी भाटिया) की सर्वेंट बेन्नी (अश्विन केलसेकर) के साथ और बेटा हैरी (अमोल पाराशर) पद्मिनी की ग्रांड डॉटर अंतरा (बरखा सिंह) के साथ फार्महाउस पर जा पहुंचते हैं। सिचुएशन के मुताबिक बाप-बेटे, एक-दूसरे से अंजान बनने का दिखावा करते हैं। एक तरफ जय प्रकाश और बेन्नी अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए फार्महाउस से जेवरात चुराने के जुगत में होते हैं। वहीं दूसरी तरफ पद्मिनी के बड़े बेटे रौनक (विजय राज) अपने दो छोटे भाइयों को बेदखल कर पूरे 300 एकड़ जमीन पर बने भव्य फार्महाउस को हथियाना चाहता है। लेकिन उनके भाई अपना हिस्सा लेने के जुगत में होते हैं। इन सबसे हटकर अंतरा और हैरी का नानी पद्मिनी के साथ एक अलग ही रिश्ता बनता है।

ये सभी अपने-अपने मकसद में कितना कामयाब होते हैं? 300 एकड़ में बना फार्महाउस किसे मिलता है? लालच और जरूरत में किए गए काम का अंजाम क्या निकलता है? यह सब जानने के लिए कॉमेडी, फैमिली ड्रामा की चाशनी रची-बुनी गई फिल्म देखना पड़ेगा और इसका मजा भी फिल्म देखने के बाद ही आएगा।

संजय मिश्रा की एक्टिंग दमदार
सबसे पहले कहानी की बात करें, तब दो तबकों की कहानी अच्छी बन पड़ी है। इसमें डायलॉग का बड़ा हाथ है। वहीं पहली बार म्यूजिक डायरेक्टर बने सुभाष घई का म्यूजिक भी अच्छा है। सिचुएशन के मुताबिक फिल्म में माइंड योर बिजनेस… और मोहब्बत… गाने को अच्छे से पिरोया गया है। पेंडेमिक टाइम में शूट की गई फिल्म का लोकेशन भी खूबसूरती से दिखाया गया है। अभिनय की बात की जाए तो हर बार की तरह इस बार भी मझे कलाकार संजय मिश्रा अपने कुक के किरदार में डूबे नजर आते हैं। विजय राज, अश्विन, अमोल सहित सपोर्टिंग स्टार्स का अभिनय भी सराहनीय है। लेकिन इन सबके बीच बरखा सिंह का दमदार अभिनय देखने को मिलेगा।

रौनक का किरदार कमजोर दिखता है
फिल्म में वैसे तो कोई बड़ी कमी नही है। लेकिन जिस तरह से रौनक का किरदार सख्त दिखाया गया है, उसकी सख्ती में गायब नजर आती है। वकील और पुलिस की कार्रवाई भी और दमदार नहीं दिखती। सोने पर सुहागा तब साबित होता, जब कहानी को और सटीक ढंग से बताया जाता। हां, कहानी को ऐसे मोड़ पर लाकर छोड़ा गया है, जिससे अगले भाग को बनाने की संभावना नजर आती है। सब कुछ देखते हुए इसे पांच में से तीन स्टार दिया जा सकता है।

खबरें और भी हैं...

Adblock test (Why?)


फिल्म रिव्यू: '36 फार्महाउस' में रोचक अंदाज में देखने को मिलेगा छत्तीस का आंकड़ा, सुभाष घई का म्यूजिक भी दमदार - Dainik Bhaskar
Read More

No comments:

Post a Comment

Bigg Boss 16: फिनाले से पहले 50 प्रतिशत वोट से आगे चल रहे हैं एमसी स्टेन, प्रियंका का हाल देख लगेगा झटका - Bollywood Life हिंदी

[unable to retrieve full-text content] Bigg Boss 16: फिनाले से पहले 50 प्रतिशत वोट से आगे चल रहे हैं एमसी स्टेन, प्रियंका का हाल देख लगेगा...